नई दिल्ली
डीयू में कॉन्ट्रैक्ट पर टीचर्स रखने के लिए बुधवार को ऐकडेमिक काउंसिल की मीटिंग में ऑर्डनेंस पास किया गया। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। सुबह 11 बजे से शुरू हुई मीटिंग रात 8 बजे तक भी जारी थी। टीचर्स ने इसका जमकर विरोध किया।
उनका कहना है कि यह शिक्षकों की शक्ति को सीमित करने का प्रयास है। शिक्षकों का आरोप है कि इससे कॉलेज प्रशासन के पास असीमित शक्ति आ जाएगी और इससे शिक्षक की नौकरी पर हमेशा खतरा रहेगा। ऐकडेमिक काउंसिल के सदस्य पंकज गर्ग ने बताया कि यूनिवर्सिटी के ऑर्डिनेंस और कानून में शिक्षकों के लिए संविदा पर पद का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एचआरडी मिनिस्ट्री के दबाव में डीयू द्वारा शिक्षकों की संविदा पर भर्ती का प्रस्ताव काफी निंदनीय हगै। इससे 4,500 से ज्यादा एडहॉक टीचरों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा होगी। भले ही शुरुआत में सिर्फ 10 फीसदी शिक्षकों को संविदा पर रखा जाएगा लेकिन बाद में सरकार इस संख्या को बढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी पर दबाव बना सकती है।’